उज्जैन में मंगल दोष पूजा: आसान और प्रभावी मार्गदर्शन
उज्जैन
में मंगल दोष पूजा: आसान और प्रभावी मार्गदर्शन
मंगल दोष हिंदू ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे कई लोग गंभीरता से लेते हैं। यदि कुंडली में मंगल दोष होता है, तो इसे दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। उज्जैन, जो कि महाकाल की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, मंगल दोष निवारण पूजा के लिए एक आदर्श स्थान है। यह लेख आपको उज्जैन में मंगल दोष पूजा करने की संपूर्ण जानकारी देगा, जिसमें पूजा की विधि, प्रमुख मंदिर और इसकी लागत शामिल हैं।
मंगल दोष क्या होता है? – मंगल दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है। इसे “मांगलिक दोष” भी कहा जाता है, और यह विवाह तथा पारिवारिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है। इस दोष को शांत करने के लिए विशेष पूजा की जाती है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा की चरण-दर-चरण प्रक्रिया
उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा विशेष रूप से पंडितों द्वारा वेदिक रीति-रिवाजों के अनुसार कराई जाती है। यह पूजा निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है:
1. पवित्र स्नान और संकल्प
सबसे पहले, जातक को क्षिप्रा नदी में स्नान करना चाहिए, जिससे शरीर और मन शुद्ध हो जाए।
इसके बाद, पूजा स्थल पर पंडित द्वारा संकल्प दिलाया जाता है, जिसमें जातक अपनी समस्याओं के समाधान और मंगल दोष निवारण की प्रार्थना करता है।
2. कुंभ स्थापना और नवग्रह पूजन
पूजा स्थल पर एक कलश (कुंभ) की स्थापना की जाती है, जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है।
सभी नवग्रहों की विधिवत पूजा की जाती है, जिससे अन्य ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त हो सके।
3. विशेष मंगल मंत्र जाप
जातक या पंडित मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप करता है:
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
इस मंत्र का जाप 10,000 बार या पंडित के निर्देशानुसार किया जाता है।
4. मंगल दोष निवारण हवन
जाप पूरा होने के बाद, विशेष हवन (यज्ञ) किया जाता है।
इसमें आम, पीपल और विशेष जड़ी-बूटियों की आहुति दी जाती है।
हवन से उत्पन्न धुआं नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करने में सहायक माना जाता है।
5. मंगलनाथ भगवान की विशेष पूजा
मंगल दोष निवारण के लिए मंगलनाथ मंदिर में विशेष पूजा की जाती है।
यहाँ मंगलवार के दिन विशेष मंगल स्तोत्र का पाठ और हवन किया जाता है।
6. हनुमान जी और भगवान शिव की आराधना
हनुमान जी को मंगल ग्रह का रक्षक माना जाता है, इसलिए पूजा में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया जाता है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक किया जाता है, क्योंकि वे सभी ग्रह दोषों को शांत करने वाले देवता माने जाते हैं।
7. अर्घ्य और विसर्जन
अंत में, पवित्र जल अर्पित कर पूजा का समापन किया जाता है।
पूजा में उपयोग की गई सामग्री को क्षिप्रा नदी में विसर्जित किया जाता है, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा के लिए प्रमुख मंदिर
मंगल दोष पूजा की लागत
मंगल दोष पूजा के लाभ
वैवाहिक जीवन में सुधार
जिनकी शादी में विलंब हो रहा हो, उनके विवाह योग मजबूत होते हैं।
शांति और समृद्धि
परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
आर्थिक स्थिरता
व्यापार और नौकरी में उन्नति होती है।
ग्रह दोषों का निवारण
अन्य नकारात्मक ग्रह दोष भी शांत होते हैं।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा करवाना एक प्रभावी उपाय है, जो आपके जीवन में सकारात्मकता और शांति ला सकता है। यदि आप इस पूजा को करवाना चाहते हैं, तो महाकालेश्वर, मंगलनाथ मंदिर या अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर योग्य पंडित से पूजा करवा सकते हैं।
यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है और आप इसके निवारण के लिए उज्जैन आ रहे हैं, तो सही मंदिर और पंडित का चयन अवश्य करें। सही विधि से की गई पूजा अवश्य ही आपके जीवन में शुभता लेकर आएगी।