मंगल दोष: कारण, प्रभाव और निवार
मंगल दोष, जिसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है, एक ज्योतिषीय स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब मंगल ग्रह (मंगल) किसी व्यक्ति की कुंडली में विशेष स्थानों पर स्थित होता है। वैदिक ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, आक्रामकता और संकल्प से जुड़ा एक शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। हालांकि, यदि यह कुछ खास भावों (1st, 2nd, 4th, seventh, eighth, या 12th) में स्थित हो, तो यह मंगल दोष उत्पन्न कर सकता है, जिससे विवाह और व्यक्तिगत जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
मंगल दोष के कारण
मंगल दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह निम्नलिखित भावों में स्थित होता है:
प्रथम भाव (लग्न भाव) – यह रिश्तों में टकराव और आक्रामकता का कारण बन सकता है।
द्वितीय भाव – आर्थिक अस्थिरता और पारिवारिक विवादों को जन्म देता है।
चतुर्थ भाव – घरेलू शांति और करियर की वृद्धि को प्रभावित करता है।
सप्तम भाव – विवाह में बाधाएँ उत्पन्न करता है, जिससे देरी या समस्याएँ हो सकती हैं।
अष्टम भाव – स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और अचानक हानि का कारण बनता है।
द्वादश भाव – मानसिक तनाव और आर्थिक परेशानियों को जन्म देता है।


मंगल दोष के प्रभाव
विवाह में देरी – मंगल दोष से प्रभावित लोग अक्सर विवाह में देरी का सामना करते हैं या उन्हें सही जीवनसाथी मिलने में कठिनाई होती है।
वैवाहिक कलह – रिश्तों में तनाव, बार-बार झगड़े और यहाँ तक कि अलगाव का खतरा भी हो सकता है।
आर्थिक समस्याएँ – यह आर्थिक अस्थिरता और अनपेक्षित खर्चों को जन्म दे सकता है।
स्वास्थ्य समस्याएँ – कुछ लोग शारीरिक बीमारियों, तनाव या दुर्घटनाओं से प्रभावित हो सकते हैं।
पेशेवर बाधाएँ – करियर की वृद्धि धीमी हो सकती है और कार्यस्थल पर विवाद हो सकते हैं।
मंगल दोष के उपाय
सौभाग्य से, मंगल दोष के प्रभावों को कम करने या समाप्त करने के लिए विभिन्न उपाय उपलब्ध हैं:
1. दो मांगलिक व्यक्तियों का विवाह
यदि दोनों जीवनसाथी मांगलिक हैं, तो यह दोष निष्क्रिय हो जाता है और विवाह सुखी होता है।
2. विशेष पूजाएँ और अनुष्ठान
मंगल दोष निवारण पूजा – उज्जैन जैसे पवित्र स्थानों पर इस पूजा को करने से दोष के प्रभाव कम हो सकते हैं।
कुंभ विवाह – यदि कोई व्यक्ति मांगलिक है, तो वे पहले पीपल के वृक्ष, केले के वृक्ष, या भगवान विष्णु की चाँदी/सोने की मूर्ति से विवाह कर सकते हैं
3. मंत्रों का जाप
मंगल मंत्र – “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
हनुमान चालीसा – नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
4. रत्न धारण करना
सोने या तांबे में जड़ा लाल मूंगा (Moonga) रत्न दाएँ हाथ की अनामिका (रिंग फिंगर) में धारण करना लाभकारी होता है।
5. उपवास रखना
मंगलवार को उपवास रखना, केवल शाकाहारी भोजन ग्रहण करना और भगवान हनुमान और भगवान कार्तिकेय की पूजा करना मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को शांत कर सकता है।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा का महत्व
उज्जैन भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है, जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। उज्जैन में मंगल दोष पूजा करने का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि: महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो ग्रह दोषों को शांत करने में सहायक माने जाते हैं।
मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन में स्थित है, जिसे मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है, इसलिए यहाँ मंगल दोष निवारण पूजा करना अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। यहाँ अनुभवी वैदिक पंडित उपलब्ध हैं, जो प्रामाणिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा कराते हैं। उज्जैन की आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मक वातावरण भक्तों को मानसिक शांति और समृद्धि प्रदान करता है।


पूजा करने की विधि
- पंडित से संपर्क करें – किसी अनुभवी ज्योतिषी या मंदिर के पुजारी से पूजा का समय निर्धारित करें।
- सामग्री अर्पित करें – पूजा के दौरान लाल फूल, मिठाई, सिंदूर, और पान के पत्ते भगवान मंगल को अर्पित किए जाते हैं।
- मंत्र जाप करें – मंगल बीज मंत्र और अन्य वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
- हवन (अग्नि अनुष्ठान) – मंगल को शांत करने के लिए अग्नि में आहुति दी जाती है।
- महाकालेश्वर मंदिर में प्रार्थना – अंत में भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर पूजा संपन्न होती है।
निष्कर्ष
मंगल दोष जीवन में चुनौतियाँ ला सकता है, लेकिन सही उपाय और अनुष्ठान करने से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में मंगल दोष पूजा करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यदि आप भी मंगल दोष से पीड़ित हैं, तो मंत्रों का जाप, रत्न धारण, उपवास, और पूजा जैसे उपाय अपनाकर जीवन को सुखमय बना सकते हैं।
यदि आपको मंगल दोष निवारण पूजा करवानी है या ज्योतिषीय सलाह चाहिए, तो इन अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें-
पंडित अर्जुन शर्मा जी
फोन: 9977946057
वेबसाइट:
पंडित शिव शर्मा जी
फोन: 9575532968
वेबसाइट:
पंडित सुरेश शर्मा जी
फोन: 9131822037
वेबसाइट:
आचार्य पंडित गोपाल दुबे जी
फोन: 8319919550,
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